धीरूभाई अंबानी का जीवन परिचय (Dhirubhai Ambani Biography in hindi)
ऐसा कहा जाता है कि मेहनत करनेवालों की कभी हार नहीं होती. इस बात को सच कर दिखाया है धीरूभाई अंबानी ने. आज अंबानी परिवार उन बुलंदियों पर है जहाँ पहुंचने का सपना हर आम आदमी देखता है. धीरजलाल हीरालाल अंबानी जिन्हें धीरुभाई भी कहा जाता है, भारत के एक चिथड़े से धनी व्यावसायिक टाइकून बनने की कहानी है जिन्होंने रिलायंस उद्योग की स्थापना मुम्बई में अपने चचेरे भाई के साथ की। कई लोग अंबानी के उल्लेखनीय विकास के लिए अन्तरंग पूंजीवाद और सत्तारूढ़ राजनीतिज्ञों तक उनकी पहुँच को मानते हैं क्योंकि ये उपलब्धि अति दमनकारी व्यावसायिक वातावरण में पसंदीदा वर्ताव द्वारा प्राप्त की गई थी। अंबानी ने अपनी कंपनी रिलायंस को 1977 में सार्वजानिक क्षेत्र में सम्मिलित किया और 2007 तक परिवार (बेटे मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी) की सयुंक्त धनराशि जो 100 अरब डॉलर थी, ने अम्बानियों को विश्व के धनी परिवारों में से एक बना दिया।
संक्षेप में धीरूभाई अंबानी का जीवन परिचय
नाम : धीरजलाल हीरालाल अंबानी
जन्म : 28 दिसंबर 1932
जन्म स्थान : चोरवाड़, गुजरात
मृत्यृ तिथि : 6 जुलाई 2002
मृत्यृ स्थान : मुंबई
मृत्यृ का कारण : मस्तिष्क आघात
उम्र : 69 साल
राष्ट्रीयता : भारतीय
स्कूल : बहादुर कांजी हाई स्कूल, जूनागढ़, गुजरात
शैक्षिक योग्यता : मैट्रिक पास
व्यवसाय : भारतीय व्यवसाय
पुरस्कार : वर्ष 1998 में, उन्हें व्हार्टन स्कूल, पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय ने “डीन के पदक” से सम्मानित किया। वर्ष 2000 में, उन्हें फिक्की (FICCI) द्वारा “Man of 20th Century” का नाम दिया गया। वर्ष 2016 में, उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म विभूषण (मरणोपरांत) से सम्मानित किया गया।
पिता का नाम : हरिचंद गोर्धनभाई अंबानी
माता का नाम : जमनाबेन
भाई का नाम : रमणिकलाल अंबानी, नटवरलाल
बहन : त्रिलोचना बेन
विवाह तिथि : साल 1955
पत्नी का नाम : कोकिला बेन अंबानी
बच्चे : बेटा मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी
बेटी : नीना, दीप्ती
संपत्ति : 18 हजार करोड़
धीरूभाई अंबानी का जीवन परिचय (Dhirubhai Ambani Biography)
धीरुभाई अंबानी का जन्म 28 दिसंबर, 1932, को जूनागढ़ (अब गुजरात) चोरवाड़ में हीराचंद गोर्धनभाई अंबानी और जमनाबेन के बहुत ही सामान्य मोध परिवार में हुआ था। उनके पिता शिक्षक थे। कहा जाता है कि धीरुभाई अंबानी ने अपना उद्योग व्यवसाय सप्ताहंत में गिरनार की पहाड़ियों पर तीर्थयात्रियों को पकौड़े बेच कर किया था। परिवार आर्थिक तंगी से गुजर रहा था, इसलिए धीरूभाई अंबानी केवल हाईस्कूसल तक की पढ़ाई पूरी कर पाए और इसके बाद उन्होंने छोटे मोटे काम करना शुरू कर दिया।
धीरूभाई अंबानी की पहली सेलरी कितनी थी (First Salary of Dhirubhai Ambani )
जब वे सोलह वर्ष के थे तो अदन (यमन) चले गए। अदन में उन्होंने पहली नौकरी एक पेट्रोल पंप पर सहायक के रूप में की और उनकी तनख्वाह थी महज 300 रुपये महीना| दो साल बाद अबेस्सी और शेल उत्पादन के वितरक बन गए और अदन के बंदरगाह पर कम्पनी के एक फीलिंग स्टेशन के प्रबंधन के लिए धीरुभाई को पदोन्नति दी गई।उनका कोकिलाबेन के साथ विवाह हुआ था और उनको दो बेटे थे मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी और दो बेटियाँ नीना कोठारी और दीप्ति सलगावकर
व्यवसाय की शुरुआत (Dhirubhai Ambani early career)
1958 में, धीरुभाई भारत वापस आ गए और 15000.00 की पूंजी के साथ रिलायंस वाणिज्यिक निगम की शुरुआत की। रिलायंस वाणिज्यिक निगम का प्राथमिक व्यवसाय पोलियस्टर के सूत का आयात और मसालों का निर्यात करना था। वह अपने दूसरे चचेरे भाई चंपकलाल दिमानी जो उनके साथ ही अदन (यमन) में रहा करते थे, के साथ साझेदारी में व्यवसाय शुरू की। रिलायंस वाणिज्यिक निगम का पहला कार्यालय मस्जिद बन्दर के नरसी नाथ सड़क पर स्थापित हुयी। यह एक टेलीफोन, एक मेज़ और तीन कुर्सियों के साथ एक 350 वर्ग फुट का कमरा था। आरंभ में, उनके व्यवसाय में मदद के लिए दो सहायक थे। 1965 में, चंपकलाल दिमानी और धीरुभाई अंबानी की साझेदारी खत्म हो गयी और धीरुभाई ने स्वयं शुरुआत की। यह माना जाता है कि दोनों के स्वभाव अलग थे और व्यवसाय कैसे किया जाए, इस पर अलग राय थी। जहां पर दमानी एक सतर्क व्यापारी थे और धागे के फैक्ट्रियों/भंडारों के निर्माण में विश्वास नहीं रखे थे, वहीं धीरुभाई को जोखिम लेनेवाले के रूप में जानते थे और वे मानते थे कि मूल्य वृद्धि कि आशा रखते हुए भंडारों का निर्माण भुलेश्वर, मुंबई के इस्टेट में किया जाना चाहिए, ताकि मुनाफा बनाया जाए. 1968 में वे दक्षिण मुंबई के अल्टमाउंट सड़क को चले गए। 1960 तक अंबानी की कुल धनराशि 10 लाख रूपये आंकी गयी।
कपड़ा मिल की शुरुआत कब की ?
वस्त्र व्यवसाय में अच्छे अवसर का बोध होने के कारण, धीरुभाई ने 1966 में अहमदाबाद, नरोड़ा में कपड़ा मिल की शुरुआत की। पोलिएस्टर के रेशों का इस्तेमाल कर वस्त्र का निर्माण किया गया। धीरुभाई ने विमल ब्रांड की शुरुआत की जो कि उनके बड़े भाई रमणिकलाल अंबानी के बेटे, विमल अंबानी के नाम पर रखा गया था। “विमल” के व्यापक विपणन ने इसे भारत के अंदरूनी इलाकों में एक घरेलू नाम बना दिया। खुदरा विक्रेता केन्द्र की शुरुआत हुयी और वे “केवल विमल” ब्रांड के कपड़े बेचने लगे। 1975 में विश्व बैंक के एक तकनीकी मंडली ने ‘रिलायंस टेक्सटाइल्स’ निर्माण इकाई का दौरा किया। इकाई की दुर्लभ खासियत यह थी कि इसे उस समय में “विकसित देशों के मानकों से भी उत्कृष्ट” माना गया।
‘रिलायंस टैक्सटाइल्स’ की स्थापना कब हुई ?
धीरूभाई ने साल 1966 में गुजरात के अहमदाबाद में एक कपड़ा मिल की शुरुआत की, जिसका नाम ‘रिलायंस टैक्सटाइल्स’ रखा। ये उनकी जिंदगी का सबसे निर्णायक मोड़ था, इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और आगे बढ़ते चले गए। धीरूभाई अंबानी जब एक कंपनी में काम कर रहे थे तब वहां कर्मियों को चाय सिर्फ 25 पैसे में मिलती थी, लेकिन धीरू भाई पास के एक बड़े होटल में चाय पीने जाते थे, जहां चाय 1 रुपये की थी। उनसे जब इसका कारण पूछा गया तो उन्होंने बताया कि उसे बड़े होटल में बड़े-बड़े व्यापारी आते हैं और बिजनेस के बारे में बातें करते हैं।
धीरूभाई अंबानी को मिलने पुरस्कार और सम्मान (Dhirubhai Ambani achievements and awards)
क्र. | पुरस्कार | वर्ष |
1. | द इकोनॉमिक टाइम्स लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार | 10 अगस्त 2001 |
2. | टीएनएस-मोड सर्वे- इंडियाज मोस्ट एडमायर्ड सीईओ | 26 जुलाई 1999 |
3. | कैमटेक फाउंडेशन- मैन ऑफ द सेंचूरी अवार्ड | 8 नवम्बर 2000 |
4. | फिक्की- इंडियन आंत्रप्रेन्याेर ऑफ द 20 सेंचुरी | 24 मार्च 2000 |
5. | द एक्सरर्प्ट फ्रॉम एशिया वीक 1998 | 29 मई 1998 |
6. | द एक्सरर्प्ट फ्रॉम एशिया वीक 2000 | 26 मई 2000 |
7. | द टाइम्स ऑफ इंडिया- क्रियेटर ऑफ द वेल्थ ऑफ द सेंचूरी | 8 जनवरी 2000 |
8. | बिजनेस बॉरो- इंडियन बिजनेसमैन ऑफ द ईयर | 6 दिसम्बर 1999 |
9. | एशिया वीक हॉल ऑफ फेम | 16 अक्टूबर 1998 |
10. | व्हार्टन डीन मॉडल फोर धीरूभाई अंबानी | 15 जून 1998 |
11. | बिजनेस वीक स्टार ऑफ द एशिया | 29 जून 1998 |
12. | बिजनेस इंडिया-बिजनेस मैन आॅफ द ईयर | 31 अक्टूबर 1999 |
नवम्बर 2000- में भारत में उनके रसायन उद्योग के विकास में उल्लेखनीय योगदान की पहचान के लिए केमटेक संस्था और विश्व रसायन अभियांत्रिकी द्वारा उन्हें ‘सदी के मानव’ के पुरस्कार से सम्मनित किया गया। 2002 ,1998 और 1996 में उन्हें एशिया वीक पत्रिका द्वारा एशिया के शक्तिशाली 50 – सबसे शक्तिशाली लोग के रूप में प्रस्तुत किया गया। जून 1998 – व्हार्टन स्कूल, पेन्सिल्वेनिया विश्वविद्यालय द्वारा उल्लेखनीय नेतृत्व क्षमता के उदाहरण के रूप में डीन पदक दिया गया। धीरुभाई अम्बानी की विशिष्ट उपलब्धि यह थी कि वे व्हार्टन स्कूल से डीन पदक पाने वाले पहले भारतीय बने।
अगस्त 2001 में दि इकॉनॉमिक टाइम्स द्वारा सामूहिक उत्कृष्ठता के लिए लाइफटाइम अचीवमेंट से नवाज़ा गया। धीरुभाई अंबानी को बीसवीं सदी के मानव के नाम से भारतीय वाणिज्य और उद्योग सदन महासंघ द्वारा नवाजा गया. 2000 में टाइम्स ऑफ़ इंडिया द्वारा आयोजित एक जनमत सर्वेक्षण में उन्हें शताब्दियों में संपत्ति के महान निर्माता के पक्ष में मत दिया गया वह भारत का सच्चा पुत्र है’
रिलायंस की स्थापना कैसे हुई थी ?
मुंबई के मस्जिद बन्दर के नरसिम्हा स्ट्रीट पर एक छोटे से दफ्तर से रिलायंस कमर्शियल कॉर्पोरेशन की शुरुआत हुई। यहीं से रिलायंस इंडस्ट्रीज का जन्म हुआ। इस व्यापार में धीरुभाई का लक्ष्य मुनाफे पर ज्यादा ध्यान न देते हुए ज्यादा से ज्यादा उत्पादों का निर्माण और उनकी बेहतर गुणवत्ता पर था। इस दौरान अम्बानी और उनका परिवार मुंबई के भुलेस्वर स्थित जय हिन्द एस्टेट में एक छोटे से अपार्टमेंट में रहता था। धीरूभाई कहते थे, “जो भी यह कहता है कि वह 12 से 16 घंटे काम करता है। वह या तो झूठा है या फिर काम करने में काफी धीमा।”
कंपनी का नाम तीन बार बदला
रिलायंस इंडस्ट्रीज के संस्थापक धीरूभाई अंबानी को जोखिम लेना काफी पसंद था। धीरूभाई अंबानी किसी प्रोडक्ट का स्टॉक कर मुनाफा बढ़ाने के बारे में सोचते थे। साल 1977 में धीरूभाई अंबानी ने रिलायंस इंडस्ट्रीज की स्थापना की। धीरूभाई अंबानी ने अपने बिजनेस का नाम कई बार बदला। रिलायंस कमर्शियल कॉरपोरेशन, रिलायंस टैक्सटाइल प्राइवेट लिमिटेड और रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के रूप में तीन बार धीरूभाई अंबानी ने अपने कारोबार का नाम बदल दिया।
मात्र 500 रुपये लेकर आए थे मुंबई
1950 के दशक में धीरूभाई अंबानी ने 300 रुपये प्रति माह के वेतन पर नौकरी की शुरुआत की थी. कुछ सालों तक काम करने के बाद ये वहां मैनेजर बन गए. हालांकि बाद में उन्होंने नौकरी छोड़कर खुद का कारोबार शुरू करने का फैसला किया. बताया जाता है कि धीरूभाई अंबानी 500 रुपये लेकर मुंबई कारोबार करने आए थे.
कैसे शुरू किया कारोबार
मुंबई आने के बाद वे यहां के कारोबार को समझने में जुट गए. कई इलाकों का भ्रमण करने के बाद धीरूभाई अंबानी को समझ आ गया कि वे पोलिएस्टर और भारतीय मसालों का विदेशों में बेचने का कारोबार शुरू कर सकते हैं. इस कारण, अंबानी ने 8 मई 1973 को अपनी कंपनी रिलायंस कॉमर्स कॉरपोरेशन के नाम से कंपनी की शुरुआत कर दी. यह कंपनी भारत के मसालों को विदेशों में और विदेशों के पोलिएस्टर को भारत में बेचने का काम करती थी.
आजाद भारत का पहला IPO
धीरूभाई अंबानी ने आजाद भारत का पहला IPO लाने का विचार किया और 10 रुपये शेयर प्राइज पर 2.8 मिलियन शेयर का IPO पेश किया. इस आईपीओ पर निवेशकों ने जमकर भरोसा जताया और यह सात गुना ओवर सब्सक्राइब किया गया. निवेशकों को इसमें जबरदस्त मुनाफा भी हुआ.
रिलायंस ने इन सेक्टर्स में रखा कदम
टेक्स्टाइल कंपनी में कदम रखने के बाद अब धीरूभाई अंबानी अपने बिजनेस को और बढ़ाना चाहते थे. इस कारण, उन्होंने टेलीकम्यूनिकेशन, टेलीकॉम इंफॉर्मेशन, एनर्जी, इलेक्ट्रिसिटी रिटेल, इंफ्रास्ट्रक्चर, कैपिटल मार्केट और लॉजिस्टिक्स तक कंपनी का विस्तार किया.
शानदार टीम लीडर
धीरूभाई अंबानी एक शानदार टीम लीडर के रूप में जाने जाते थे. कोई भी कर्मचारी इनके केबिन में आ सकता था. साथ ही कोई भी इनसे बात करके अपनी समस्या रख सकता था. धीरूभाई अंबानी सभी की समस्या सुनते और हल करते थे. निवेशकों को भी इन पर अधिक भरोसा था, जिस कारण रिलायंस के शेयर मिनटों में बिक जाते थे.
सिर्फ 10वीं तक की थी पढ़ाई
1955 में धीरूभाई अंबानी ने कोकिलाबेन से शादी की थी. उनके दो बेटे अनिल अंबानी और मुकेश अंबानी, दो बेटी नीना अंबानी और दीप्ति अंबानी हैं. धीरूभाई अंबानी ने सिर्फ 10वीं तक पढ़ाई की थी. 2016 में इन्हें पद्म विभूषण दिया गया था. 6 जुलाई 2002 को धीरूभाई अंबानी का निधन दिल का दौरा पड़ने से हो गया था.
केवल दो कमरों के घर में रहा करता था अंबानी परिवार
पहले अंबानी परिवार केवल दो कमरों के घर में रहा करता था. लेकिन धीरूभाई अंबानी की मेहनत की वजह से आज अंबानी परिवार देश के सबसे महंगे घर में रहता है और अब अंबानी परिवार का हर सदस्य आज रॉयल लाइफ जीता है.
बुरे दिनों में महानायक के लिए बढ़ाया था मदद का हाथ
धीरूभाई अंबानी से जुड़ा मानवीय पहलू भी है। इसे बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चून उजागर कर चुके हैं। यह उन दिनों की बात है जब वह बेहद बुरे दौर से गुजर रहे थे। कुर्की तक के आदेश आ गए थे। बैंक अकाउंट खाली था। जब इसकी जानकारी धीरूभाई को मिली तो उन्होंने मदद का हाथ बढ़ाया था। यह बात खुद अमिताभ बच्चन ने बता चुके हैं । रिलायंस इंडस्ट्रीज के 40वें स्थापना दिवस पर उन्होंने पूरा किस्सा सुनाया था। यह किस्सा सुनाते-सुनाते अमिताभ बच्चयन भावुक हो गए थे। अमिताभ ने बताया था कि एक समय वह दीवालिया हो गए थे। उनकी कंपनी घाटे में चली गई थी। कमाई के सभी जरिये बंद हो गए थे। तब धीरूभाई ने अपने छोटे बेटे अनिल अंबानी को उनके पास भेजा था।
अमिताभ ने बताया था कि अनिल अंबानी उनके बहुत अच्छे दोस्त हैं। धीरूभाई ने उन्हें यह कहकर भेजा था कि उसकी मदद करनी है। उसे कुछ पैसे दे दो। मदद की रकम इतनी थी जिससे अमिताभ बच्चान की सभी मुश्किलें खत्मि हो सकती थीं। यह और बात है कि अमिताभ ने बड़ी विनम्रता से यह रकम लेने से मना कर दिया था। लेकिन, वह इस उदारता से भावुक हो गए थे। बाद में अमिताभ की स्थिति सुधर गई। उन्होंदने अपने सिर पर चढ़ा पूरा कर्ज उतार दिया था।
धीरूभाई अंबानी की मौत कैसे हुई ?
1986 में दिल का दौरा पड़ने के बावजूद धीरूभाई बच गए थे और उनकी कंपनी का विकास जारी रहा. 1990 के दशक में उन्होंने आक्रामक रूप से पेट्रोकेमिकल्स, ऑयल रिफाइनिंग, टेलीकम्युनिकेशन और फाइनेंशियल सर्विसेस की ओर रुख किया. जब उन्होंने 2002 में अंतिम सांस ली – तब फोर्ब्स की लिस्ट में वे दुनिया के 138 वें सबसे अमीर व्यक्ति थे जिसकी कुल अनुमानित संपत्ति 2.9 बिलियन डॉलर थी.
धीरूभाई अंबानी के प्रेरक कोट्स (Dhirubhai Ambani quotes) –
- रिलायंस के विकास की कोई सीमा नहीं है.
- अपना नजरिया बदलते रहिए और यह काम आप तभी कर सकते हैं जब आप सपने देखते हों.
- बड़ा सोचिए, जल्दी सोचिए और आगे की सोचिए.
- मुझे न शब्द सुनाई ही नहीं देता.
- सपने हमेशा बड़े होने चाहिए, प्रतिबद्धता हमेशा गहरी होनी चाहिए और प्रयास हमेशा महान होने चाहिए.
- मुश्किल परिस्थितियों का अवसर की तरह देखिए और उसे अपने लाभ के लिए उपयोग कीजिए.
- युवा शक्ति बड़ा परिवर्तन कर सकती है, उन्हें अवसर दीजिए, वे अनंत उर्जा के स्रोत हैं.
- सम्बन्ध और आस्था विकास की नींव होते हैं.
FAQ
Q- धीरूभाई अंबानी की पहली सैलरी कितनी थी ?
Ans- धीरूभाई अंबानी की पहली सैलरी मात्र 300 रुपये थी?
Q- धीरूभाई अंबानी ने किस कंपनी की स्थापना की थी?
Ans- धीरूभाई अंबानी ने रिलायंस इंडस्ट्रीज की स्थापना की थी?
Q-धीरूभाई अंबानी की पत्नी का क्या नाम है?
Ans-धीरूभाई अंबानी की पत्नी का नाम कोकिला बेन अंबानी है।
Q- धीरूभाई अंबानी ने रिलायंस इंडस्ट्रीज की शुरूआत कब हुई?
Ans- धीरूभाई अंबानी ने 8 मई 1973 में हुई इंडस्ट्रीज की शुरूआत।
Q- धीरूभाई अंबानी की मृत्यृ कब हुई?
Ans- धीरूभाई अंबानी ने 6 जुलाई 2002 में हुई मृत्यृ।
Q- कितनी है धीरूभाई अंबानी की संपत्ति?
Ans- धीरूभाई अंबानी की संपत्ति 18 हजार करोड़ रूपये है।
Q- धीरूभाई अंबानी के कितने बच्चे हैं?
Ans- धीरूभाई अंबानी के दो बेटे अनिल अंबानी और मुकेश अंबानी, दो बेटी नीना अंबानी और दीप्ति अंबानी हैं