History of Ahilyabai Holkar in Hindi : कौन थी अहिल्याबाई होलकर और उनका इतिहास क्या था

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रानी अहिल्याबाई होलकर

अहिल्याबाई होलकर कौन थी (Who was Ahilyabai Holkar in Hindi)

History of Ahilyabai Holkar in Hindi : एक साधारण से किसान के घर पैदा हुई अहिल्याबाई होलकर एक साधान महिला थी, अहिल्याबाई एक साधारण परिवार में जन्म होने के कारण अपने लोगों से बहुत नजदीक थी और इसीलिए वो सदैव अपने राज्य और वहां के लोगों के हित में ही कार्य किया। उन्होंने जो भी काम किया वो काफी सुगम एवं सरल है अर्थात इन्होंने अपने राज्य के लोगों के साथ बड़े ही प्रेम पूर्वक एवं दया के साथ व्यवहार किया।

अगर आप अहिल्याबाई होलकर के इतिहास के बारे में जानना चाहते हैं तो इस ब्लॉग में आप जान सकते हैं कि कौन थी  अहिल्याबाई होलकर (Who was Ahilyabai Holkar) उन्होंने कई युद्धों में अपनी सेना का नेतृत्व किया और हाथी पर सवार होकर वीरता के साथ लड़ीं। अहिल्याबाई होलकर मालवा प्रांत की महारानी थी। उन्होंने समाज की सेवा के लिए अपना सबकुछ समर्पित कर दिया। इस पोस्ट में आप अहिल्याबाई होलकर बहुत कुछ जान सकते हैं।

संक्षिप्त परिचय

  • जन्म        : 31 मई 1725, चोंडी
  • मृत्यु        : 13 अगस्त 1795 (उम्र 70 वर्ष), इंदौर
  • जीवनसाथी : खंडेराव होल्कर (मृत्यु 1733-1754)
  • बच्चे        : पुरुष राव होल्कर, मुक्ताबाई होल्कर
  • पूरा नाम   : महारानी अहिल्या बाई होलकर
  • माता-पिता : मंकोजी शिंदे
  • राष्ट्रीयता    : भारतीय

अहिल्याबाई होल्कर का जन्म कब हुआ था ? (Ahilyabai Holkar Born)

इनका जन्म वर्ष 31 मई 1725 को महाराष्ट्र के चौंढी नामक गांव (जामखेड, अहमदनगर) में हुआ था। इनका जन्म एकसामान्य से किसान के घर में हुआ था। अहिल्याबाई के पिता मान्कोजी शिन्दे के एक साधारण से किसान थे। सादगी और घनिष्ठता के साथ जीवन व्यतीत करने वाले मनकोजी की अहिल्याबाई एकमात्र अर्थात इकलौती पुत्री थी। अहिल्याबाई बचपन के समय में सीधी साधी और सरल ग्रामीण कन्या थी। भगवान में बहुत विश्वास रखने वाली अहिल्याबाई होल्कर प्रतिदिन शिवजी के मंदिर पूजन आदि करने आती थी। जहां उनका मन लगा रहता था।

जीवन परिचय अहिल्याबाई होलकर का कैसा था। (Life of Ahilyabai Holkar )

साधारण शिक्षा ग्रहण करने वाली अहिल्याबाई 10 वर्ष की अल्पायु में ही मालवा में होल्कर वंशीय राज्य के संस्थापक मल्हारराव होल्कर के पुत्र खण्डेराव के साथ परिणय सूत्र में बंध गई थीं। (इतिहासकार ई. मार्सडेन के अनुसार)

शादी के कुछ समय बाद उन्होंने एक पुत्र और एक पुत्री की माँ बनीं। अपनी कर्तव्यनिष्ठा से उन्होंने सास-ससुर, पति व अन्य सम्बन्धियों के हृदयों को जीत लिया। मात्र 29 वर्ष की आयु में ही उनके पति का देहांत हो गया। यही नहीं सन् 1766 ई. में उनके ससुर मल्हारराव भी चल बसे। अहिल्याबाई होल्कर के जीवन से एक महान साया उठ गया। ससुर के गुजरने के बाद ही उनकी जिम्मेवारी और बढ़ गई। ससुर के गुजर जाने के बाद शासन की पुरी बागडोर उन्हें संभालनी पड़ी। उनके उपर तब बड़ी मुसीबत तब आ गई जब देखते ही देखते पुत्र मालेराव, दोहित्र नत्थू, दामाद फणसे, पुत्री मुक्ता भी माँ को अकेला ही छोड़ चल बसे।

ऐसी घटना के बाद अहिल्याबाई अपने जीवन से हताश हो गई, लेकिन अपनी प्रजा को देखते हुुए और उनके हित की रक्षा के लिए स्वयं को संभाला और सफल दायित्वपूर्ण राज-संचालन करती रही। लेकिन वो दिन भी आ गया जब अपनी प्रजा को छोड़कर अहिल्याबाई होलकर हमेशा के लिए चली गई।  13 अगस्त, 1795 को नर्मदा तट पर स्थित महेश्वर के किले में भारतीय इतिहास में अपना नाम स्वर्णाक्षरों में लिखाकर दुनिया से चली गई।

अहिल्याबाई की शादी कब हुई थी और किससे हुआ?

एक साधारण परिवार में जन्मी अहिल्याबाई की शादी बहुत ही छोटी सी उम्र में हो गई थी।  अहिल्याबाई होलकर का विवाह इतिहास में नाम रोशन करने वाले सूबेदार मल्हारराव होलकर के पुत्र खंडेराव से हुआ था। जब अहिल्याबाई केवल 10 या 12 वर्ष की थीं तब ही उनका विवाह हो गया था। लेकिन कम उम्र में शादी होने की नतीजा बहुत खराब रहा और महज 19 वर्ष की उम्र में ही वे विधवा भी हो गई थीं।

रानी अहिल्याबाई ने 1745 में एक बेटे को साल जन्म दिया था। अहिल्याबाई के बेटे का नाम मालेराव (malerao) था। पुत्र के जन्म के बाद ठीक तीन वर्ष के बाद अहिल्याबाई के घर एक बेटी ने जन्म लिया था। अहिल्याबाई के बेटी का नाम मुक्ताबाई (Muktabai) रखा था।

होल्कर वंश का संस्थापक कौन था?

इस होलकर वंशज के संस्थापक मल्हार राव होल्कर (malharrao holkar) थे,  जो मालवा का प्रथम मराठा सूबेदार थे। वह होलकर राजवंश का प्रथम राजकुमार थे जिसने इन्दौर पर शासन किया। उनका शासन मालवा से लेकर पंजाब तक था। मल्हार राव होलकर का निधन 1766 में हुआ था। मल्हारराव होलकर की चार पत्नियां थीं।

1. गौतमाबाई होलकर – गौतमाबाई होलकर मल्हारराव होलकर की पहली पत्नी थीं इनका विवाह मल्हारराव होलकर से अल्पायु में हो गया था। मल्हारराव होलकर और गौतमाबाई के बेटे का नाम खंडेराव होलकर था । जिसका विवाह अहिल्याबाई से हुआ था। भाइयों में सबसे बड़ा होने के कारण खंडेराव होलकर को उत्तराधिकारी घोषित किया गया था।

2. द्वारकाबाई होलकर – द्वारकाबाई होलकर मल्हारराव होलकर की दूसरी पत्नी थीं। द्वारकाबाई और मल्हारराव होलकर की एक बेटी थी। जिसका नाम सीताबाई था । द्वारकाबाई मल्हारराव होलकर के बाद अपने दामाद को राजा बनते हुए देखना चाहती थीं।

3. बाणाबाई होलकर – बाणाबाई होलकर मल्हारराव होलकर की तीसरी पत्नी थीं।

5. हलकोबाई होलकर – हलकोबाई होलकर मल्हारराव होलकर की चौथी और आखरी पत्नी थीं।

(साभार : विकीपीडिया)

रानी अहिल्याबाई होलकर ने क्या कार्य करवाया था?

अहिल्याबाई अपने प्रजा से बहुत ज्यादा प्यार करती थी। इस कारण उनका लगाव अपनी प्रजा के प्रति कुछ ज्यादा ही रहता था। इसलिए उन्होंने अपने प्रजा की हर सुविधा को ध्यान में रखा और जगह-जगह बहुत से काम किए अपने राज्य के साथ-साथ राज्य की सीमाओं के बाहर भी काफी कार्य किए। उन्होंने कई तीर्थ स्थानों के साथ ही कई मंदिर, घाट, कुँए, बावडियों, भूखे लोगों के लिए अन्नसत्र और प्याऊ का निर्माण भी कराया। जिससे की उनके प्रजा को कोई परेशानी का सामना न उठाना पड़े।

अहिल्या के दिल में अपनी प्रजा के लिए काफी प्यार और दया थी। वे जब भी किसी को मुसीबत या तकलीफ में देखती थीं तो उसे हम करने के लिए आगे कदम बढ़ाती थीं। इसलिए ही लोग भी उन्हें काफी सम्मान और प्यार देते थे। इन्हीं सब कारणों से उन्हें लोग राजमाता बुलाते थे।

अहिल्याबाई ने इंदौर को विकसित शहर बनाने में क्या योगदान दिया था।

राजमाता अहिल्याबाई का इतिहास करीब 30 साल के अद्भुत शासनकाल के दौरान मराठा प्रांत की अहिल्याबाई होलकर ने एक छोटे से गांव इंदौर को एक समृद्ध एवं विकसित शहर बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।  उन्होंने एक छोटे से गांव को एक विकसित शहर में बनाने में हर वो कोशिश की जिससे की आज हम जिस इंदौर शहर को जानते हैं वाे उन्हीें की देन है।  अहिल्याबाई  ने यहां पर सड़कों की दशा सुधारी, गरीबों और भूखों के लिए खाने की व्यवस्था करने के साथ-साथ शिक्षा पर भी काफी जोर दिया। आज जिस इंदौर को हम जानते हैं वो किसी समय एक साधारण सा गांव हुआ करता था।

अहिल्याबाई होल्कर क्यों प्रसिद्ध है?

उन्होंने घुसपैठियों के खिलाफ मालवा राज्य की रक्षा की और तुकोजी राव होल्कर के साथ अपने सैन्य कमांडर के रूप में व्यक्तिगत रूप से युद्ध में सेनाओं का नेतृत्व किया। वह भारतीय उपमहाद्वीप में विभिन्न हिंदू मंदिरों और धर्मशालाओं के निर्माण के लिए भी जानी जाती थीं।

विधवा महिलाओं के लिए अहिल्याबाई ने क्या काम किया था?

अपनी प्रजा के प्रति प्रेम भाव के साथ रहने वाली अहित्याबाई ने अपने प्रजा के लिए बहुत से काम किये। महारानी अहिल्याबाई की पहचान एक विनम्र एवं उदार शासक के रुप में थी।  उन्होंने समाज सेवा के लिए खुद को पूरी तरह समर्पित कर दिया था। उन्होंने समाज के विधवा महिलाओं के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण काम किये थे।

विधवा महिलाओं के लिए मराठा प्रांत का शासन संभालने से पहले यह कानून था कि, अगर कोई महिला विधवा हो जाए और उसका पुत्र न हो, तो उसकी पूरी संपत्ति सरकारी खजाना या फिर राजकोष में जमा कर दी जाती थी, इस कानुन से विधवा महिला को बहुत दिक्कत होती थी और उन्हें समाज में रहना मुश्किल हो जाता था। अहिल्याबाई ने इस कानून को बदल दिया और ऐसा कानुन बनाया कि जिससे कोई भी विधवा महिला को अपनी पति की संपत्ति लेने का हकदार बन सकती है।

अहिल्याबाई होल्कर की मृत्यु कब हुई थी ?

समाज को एक दिशा देने वाली और इंदौर शहर को एक गांव से एक विकसित शहर बनाने में योगदान देने वाली रानी  अहिल्याबाई होल्कर की मृत्यु 13 अगस्त सन 1795 ईसवी को इंदौर राज्य में ही हुई था।

महत्वपूर्ण प्रश्न और उनके उत्तर 

  • अहिल्याबाई होल्कर जन्म कब हुआ था।
    31 मई 1725
  • अहिल्याबाई के पति का नाम क्या था?
    अहिल्याबाई के पति का नाम खंडेराव होल्कर था।
  • अहिल्याबाई के पति की मृत्यु कैसे हुई थी?
    अहिल्याबाई के पति खंडेराव होलकर 1754 में कुंभेर की लड़ाई में मारे गए थे।
  • अहिल्याबाई किस राज्य की महारानी थी?
    अहिल्याबाई होलकर मराठा साम्राज्य की प्रसिद्ध महारानी थी इन्होंने माहेश्वर को राजधानी बनाकर शासन किया।
  • अहिल्याबाई के पिता का नाम क्या था?
    अहिल्याबाई के पिता का नाम मनकोजी था।
  • महारानी अहिल्याबाई के किन-किन कार्यों से महेश्वर प्रसिद्ध हुआ?
    अहिल्याबाई होल्कर ने अपने पति और ससुर की मृत्यु हो जाने पर उनकी स्मृति में इंदौर राज्य तथा अन्य राज्यों में विधवाओं, अनाथो, अपंग लोगों के लिए आश्रम बनवाएं। अहिल्याबाई होल्कर ने ही कन्याकुमारी से लेकर हिमालय तक अनेक मंदिर, घाट, तालाब, दान संस्थाएं, भोजनालय, धर्मशालाएं, बावरिया इत्यादि का निर्माण करवाया।
  • अहिल्याबाई होलकर का जन्म कहाँ हुआ?
    महाराष्ट्र राज्य के चौंढी नामक गांव (जामखेड, अहमदनगर)
  • अहिल्याबाई होलकर की मृत्यु कैसे हुई?
    अहिल्याबाई होल्कर की मृत्यु 13 अगस्त सन 1795 ईसवी को इंदौर राज्य में ही हुई था।
  • अहिल्याबाई के कितने पुत्र थे?
    2, मालेराव (पुत्र) और मुक्ताबाई (पुत्री)
  • अहिल्याबाई होल्कर कौन सी जाति की थी?
    अहिल्याबाई होल्कर धनगर की थी।

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