आइए जानते हैं महावीर जयंती (Mahavir Jayanti) के बारे में
Mahavir Jayanti 2020: इस वर्ष महावीर जयंती 6 अप्रैल को मनाई जाएगी। चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर की जयंती (Mahavir Jayanti) मनाई जाती है। इस बार महावीर जयंती (Mahavir Jayanti) अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 6 अप्रैल को मनाई जाएगी।
महावीर जयंती (Mahavir Jayanti) का संक्षिप्त इतिहास
जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर महावीर स्वामी का जन्म करीब ढाई हजार साल पहले (ईसा से 599 वर्ष पूर्व), वैशाली के गणतंत्र राज्य क्षत्रिय कुण्डलपुर में हुआ था. महावीर स्वामी अहिंसा प्रतीक थे. उनका सम्पूर्ण जीवन तपस्या में व्यतीत हुआ उन्हें कई नामो से जाना जाता था जैसे महावीर, ‘वर्धमान’, वीर’, ‘अतिवीर’ और ‘सन्मति’.
जब महावीर 30 वर्ष के हुए, तो उन्होंने सत्य की खोज में अपना सिंहासन और परिवार छोड़ दिया। वे 12 साल तक एक तपस्वी के रूप में वनवास में रहे। इस समय के दौरान, उन्होंने अहिंसा का प्रचार किया और सभी के साथ श्रद्धा का व्यवहार किया। इंद्रियों को नियंत्रित करने में असाधारण कौशल दिखाने के बाद उन्होंने अपना नाम “महावीर” रख लिया। यह व्यापक रूप से माना जाता है कि जब महावीर 72 वर्ष के थे, तब उन्होंने आत्मज्ञान (निर्वाण) प्राप्त किया।
भगवान महावीर के पांच सिद्धांत
पहला सिद्धांत- अहिंसा
किसी भी परिस्थिति में हिंसा से दूर रहना चाहिए।
हिंसा से कभी भी किसी समस्या का हल नहीं निकल सकता।
भूलकर भी किसी को कष्ट नहीं पहुंचाना चाहिए।
दूसरा सिद्धांत- सत्य
कठिन से कठिन समय में कभी भी सत्य का साथ नहीं छोड़ना चाहिए। हमेशा सत्य वचन ही बोलना चाहिए।
तीसरा सिद्धांत- अस्तेय
मनुष्य का हमेशा संयम से काम लेना चाहिए।
चौथा सिद्धांत- ब्रह्राचर्य
ब्रह्राचर्य का पालन करना मन की पवित्रता के लिए बहुत जरूरी होता है। व्यक्ति का कभी कामुक नहीं होना चाहिए।
पांचवा सिद्धांत- अपरिग्रह
सभी सांसारिक और भोग की चीजों का त्याग करना चाहिए।
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