PM Shri Scheme: क्या है पीएम-श्री योजना?, पीएम-श्री स्कूल की मुख्य विशेषताएं क्या है?

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पीएम-श्री स्कूल योजना : आप तो ये जानते ही होंगे कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री स्कूल्स फॉर राइजिंग इंडिया (पीएम-श्री) योजना को मंजूरी प्रदान कर दी. अब देश भर में 14,597 स्कूलों को आदर्श विद्यालय के रूप में विकसित व उन्नत किया जाएगा. जिन विद्यालयों को उन्नत किया जाएगा, वे देश भर से चुने जाएंगे. इस योजना (पीएम-श्री स्कूल योजना) से  यह माना जा रहा है कि ये सरकारी विद्यालयों में आने वाले वक्त में प्राइवेट स्कूलों जैसे सुविधाएं होंगी.

क्या है पीएम-श्री स्कूल योजना (What is PM Shri Scheme ) : इस योजना के तहत पांच वर्षों की अवधि में 27,360 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इसमें केंद्र की हिस्सेदारी 18,128 करोड़ रुपये होगी. पीएम-श्री स्कूल योजना से 18 लाख छात्रों को फायदा होगा. ये सभी स्कूल सरकारी होंगे, जिनका चयन राज्यों के साथ मिलकर किया जाएगा. पीएम-श्री स्कूल योजना के तहत विद्यालयों का इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट विद्यालयों जैसा या फिर उनसे भी बेहतर किया जाएगा. इस योजना के तहत सरकार प्रत्येक प्रखंड स्तर पर कम से कम एक आदर्श विद्यालय विकसित किया जाएगा.

पीएम-श्री स्कूल की मुख्य विशेषताएं-
  1. इस योजना के तहत सरकारी स्कूलों में उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करेगा, जो बच्चों को आज के आधुनिक शिक्षा से अवगत कराया जाएगा. बच्चों को स्वयं सीखने की प्रक्रिया में भी भागीदार बनाएगा.
  2. पीएम श्री के योजना के तहत स्कूल अपने-अपने क्षेत्रों के अन्य स्कूलों को भी मेंटरशिप प्रदान करने तथा उसका नेतृत्व करने का भी सेवा प्रदान करने मौका दिया जाएगा.
  3. पीएम श्री योजना के तहत स्कूलों को ग्रीन स्कूल के रूप में विकसित किया जाएगा, जिसमें सौर पैनल और एलईडी लाइट, प्राकृतिक खेती के साथ पोषण उद्यान, अपशिष्ट प्रबंधन, प्लास्टिक मुक्त, जल संरक्षण और संचयन, पर्यावरण की सुरक्षा से संबंधित परंपराओं / प्रथाओं का अध्ययन का कराया जाएगा साथ ही साथ पर्यावरण संबंधित अनुकूल पहलुओं को भी शामिल किया जाएगा और बताया जाएगा.
  4. ये स्कूल राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के कार्यान्वयन में मदद करेंगे और अपने-अपने क्षेत्रों में उत्कृष्टता के अनुकरणीय विद्यालयों के रूप में उभरेंगे.
  5. इन सरकारी स्कूलों में अपनायी जाने वाली शिक्षा व्यवस्था अधिक प्रायोगिक, वास्तविक जीवन की स्थितियों पर आधारित, जिज्ञासा एवं शिक्षार्थी केंद्रित होगी. इनमें स्मार्ट कक्षा, पुस्तकालय, कौशल प्रयोगशाला, खेल का मैदान, कंप्यूटर प्रयोगशाला, विज्ञान प्रयोगशाला आदि सभी सुविधाएं होंगी.
  6. प्रत्येक बच्चे के सीखने के परिणामों पर हर स्तर से ध्यान दिया जाएगा. सभी स्तरों पर मूल्यांकन वैचारिक समझ और वास्तविक जीवन स्थितियों में ज्ञान के अनुप्रयोग पर आधारित होगा.
  7. उपलब्ध संसाधनों और उपलब्धता, पर्याप्तता, उपयुक्तता और उपयोग के संदर्भ में उनकी प्रभावशीलता और उनके प्रमुख प्रदर्शन संकेतकों का आकलन किया जाएगा और अंतराल को व्यवस्थित और सही तरीके से भरा जाएगा.
  8. इन स्कूलों में नवीनतम तकनीक, स्मार्ट कक्षा, खेल और आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा.
कैसे होगा चयन?
  • पीएम श्री स्कूलों का चयन चैलेंज मोड के माध्यम से किया जाएगा, जिसमें स्कूल अनुकरणीय स्कूल बनने के लिए समर्थन के लिए प्रतिस्पर्धा करते हैं. स्कूलों को ऑनलाइन पोर्टल पर स्वयं आवेदन करना होगा. योजना के पहले दो वर्षों के लिए पोर्टल वर्ष में चार बार, प्रत्येक तिमाही में एक बार खोला जाएगा.
  • प्राथमिक विद्यालय (कक्षा 1-5 / 1-8) और माध्यमिक / वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय (कक्षा 1-10 / 1-12 / 6-10 / 6-12) केंद्र / राज्य / केंद्र शासित प्रदेश सरकारों / स्थानीय स्व- यूडीआईएसई+ कोड वाले स्कूलों को योजना के तहत चयन के लिए विचार किया जाएगा.
कितने चरणों में चुने जाएंगे स्कूल?
  • स्कूलों का चयन निश्चित समय सीमा के अंदर तीन चरणों वाली प्रक्रिया के जरिए किया जाएगा. बयान के अनुसार, प्रथम चरण के तहत राज्य/केंद्र शासित प्रदेश समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करेंगे जिसमें वे राष्ट्रीय शिक्षा नीति को संपूर्ण रूप से लागू करने पर सहमति जताएंगे और केंद्र इन स्कूलों को समर्थन देने के लिए प्रतिबद्धताओं को तय करेगा.
  • दूसरे चरण के तहत निर्धारित न्यूनतम मानक के आधार पर उन स्कूलों की पहचान की जाएगाी जो पीएम श्री स्कूलों के रूप में चुने जाने के योग्य हैं.
  • तीसरा चरण कुछ मानदंडों को पूरा करने के लिए चुनौती पद्धति पर आधारित है. इसमें स्कूलों के उपरोक्त पात्र पूल में से ही विद्यालय, चुनौती की शर्तों को पूरा करने के लिए मुकाबला करेंगे.
स्कूलों का सत्यापन कौन करेंगे?

सभी स्कूलों के दावों का सत्यापन राज्य/केंद्र शासित प्रदेश/केवीएस/जेएनवी करेंगे. फिर सभी स्कूलों की सूची मंत्रालय को प्रदान करेंगे. पायलट परियोजना के तहत पीएम-श्री स्कूलों में विद्या समीक्षा केंद्र की शुरुआत की जाएगी. इसके लिये एक पोर्टल भी बनाया जाएगा जिस पर हर स्कूल के हर छात्र के प्रदर्शन का ब्यौरा जारी होगा.

स्कूलों चयन के मानक क्या है?

किसी भी स्कूल के चयन के लिये 60 मानक निर्धारित किये गए हैं. इन मानको में पक्की इमारत, पेयजल सुविधा, लड़के-लड़कियों के लिए अलग-अलग शौचालय, खेल का मैदान, दिव्यांग बच्चों के लिये सुविधाएं जैसी चीजें शामिल की गई है.

पीएम श्री योजना पर कितना खर्च किया जाएगा?

पीएम श्री योजना पर 27,360 करोड़ रुपये का खर्च किया जाएगा. इसमें केंद्र की हिस्सेदारी 18,128 करोड़ रुपये होगी. इसमें राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के सभी घटकों एवं विशेषताओं का समावेश होगा और यह आदर्श स्कूलों के रूप में कार्य करेंगे. इसके तहत स्कूलों को ऑनलाइन पोर्टल पर स्वयं आवेदन करना होगा. इस योजना के पहले दो वर्षों के दौरान, पोर्टल को वर्ष में चार बार खोला जाएगा.

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