PM Ujjawala Yojana 2022 : केंद्र सरकार देश के हर वर्ग के लिए हमेशा से ही कोई न कोई योजना चलाती रहती है। इन योजनाओं को शुरू करने का मकसद समाज के हर वर्ग को बेहतर सुविधाएं देने के लिए किया जाता है। ‘प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना’(Prdhanmantri Ujjwala Yojana – 2022) के बारे में आप जानते ही होंगे। आज इस योजना के बारे में नहीं जानने वाले कम लोग ही होंगे। फिर भी इस योजना के बारे में आपको थोड़ा बहुत बता देता हूं।
‘प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना’(Prdhanmantri Ujjwala Yojana) योजना के तहत सरकार गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले लोगों को मुफ्त एलपीजी गैस कनेक्शन का लाभ देती है। जो लोग गरीबी रेखा के नीचे आज भी जीवनयापन करने को मजबूर हैं उनके लिए सरकार की तरफ से ये एक अच्छी योजना साबित हो रही है। इस योजना के तहत सरकार मुफ्त गैस कनेक्शन का लाभ सरकार देती है।
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PM Ujjwala Yojana) शुरुआत कब हुई?
प्रधानमंत्री उज्जवला योजना 1 मई 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ‘स्वच्छ ईंधन बेहतर जीवन’ के नारे के साथ शुरू की गयी थी। उज्जवला योजना सरकार द्वारा सभी आर्थिक रूप से कमजोर ग्रहणीयों को गैस सिलेंडर उपलब्ध करवाने के लिए आरंभ की गई थी। इस योजना का उदेश्य भारतीय रसोईयों को धुआँ से मुक्त करना है। सरकार द्वारा 2019 तक 5 करोड़ परिवारों तकप्रधानमंत्री उज्जवला योजना फ्री गैस कन्नेक्शन उपलब्ध कराना था। जिसमे गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले लोग मुख्य थे।
उज्वला योजना सफलता के बाद उज्वला योजना 2.0।
जब 1 मई 2016 को प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना को आरंभ कर रहे थे। तब इस योजना के बारे में ज्यादा किसी को पता नहीं था। लेकिन आज यह योजना इतना ज्यादा फेमस हो गया कि इस योजना के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा 10 अगस्त 2021 को उज्जवला योजना 2.0 उत्तर प्रदेश के महोबा जिले से लांच की गई थी। जिसके माध्यम से 1 करोड़ अतिरिक्त एलपीजी कनेक्शन प्रदान करने का लक्ष्य निर्धारित किया था।
प्रधानमंत्री उज्जवला योजना का उद्देश्य क्या है ?
पीएम उज्जवला योजना का उद्देश्य इस प्रकार है।
- गैस पर खाना पकने से लाखों पेड़ कटने से बचेंगे।
- महिला शसक्तीकरण को बढ़ावा मिलेगा।
- रसोई घर में धुआँ नहीं निकलेगा।
- खाना पकाने के लिए एक स्वच्छ ईंधन उपलब्ध होगा।
- जीवाश्म ईंधन का उपयोग कम करना। क्यूंकि इससे ग्रामीण इलाके में कहीं बीमारियों का खतरा बना रहता है।
- ग्रामीण इलाके में प्रदुषण कम होगा।