HomeKnowledgeKnowledge : शहरों और गांवों के नाम में 'पुर' क्यों जोड़ा जाता...

Knowledge : शहरों और गांवों के नाम में ‘पुर’ क्यों जोड़ा जाता है

क्या आप जानते हैं कि शहरों और गांवों के नाम में ‘पुर’ क्यों जोड़ा जाता है (why is pur added to the names of cities and villages) अगर नहीं तो आइए हम बताते हैं आखिर पुर शब्द का क्या मतलब है। हम जानते हैं कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। आज के समय भारत में 28 राज्य और 8 केंद्र शासित प्रदेश हैं। इन सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कुल 797 जिले हैं, जिनमें से 752 जिले राज्यों में और 45 जिले केंद्र शासित प्रदेशों में हैं। जहां हर जिले में आपको अलग-अलग नाम वाले शहर या गांव मिल जायंगे। जैसे जयपुर, जमशेदपुर, नागपुर इत्यादि।

अधिकतर गांव व शहरों के नाम में ‘पुर’ क्यों जोड़ा जाता है?

एक तरफ जहां हम जानते हैं कि भारत गांवों का देश है वहीं दूसरी ओर ऊंची -ऊंची इमारतों से भरी हुई शहरों का बसेरा है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है और दुनिया के इस सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश के कई शहरों का अपना इतिहास है। जिस शहर से यह पूरी दुनिया में जाना जाता है, उसका नाम भी इस इतिहास से जुड़ा हुआ है। भारत में कई ऐसे शहर और गांव हैं जिनके नाम में आपने ‘पुर’ लिखा हुआ देखा होगा। उदाहरण के लिए, उदयपुर, जयपुर, लखनपुर, सीतापुर, रामपुर, जनकपुर, आदि।

क्या आप जानते हैं कि जगहों के नाम में पुर लिखे होने का क्या मतलब होता है? यह कोई आज की बात नहीं बल्कि कई सालों से चल रही है। हम इसे इसके पुराने नाम से ही बोलते आ रहे हैं। इस लेख के जरिए हम गांवों और शहरों के नाम में लिखे पुर शब्द के बारे में जानेंगे।

भारत में हर शहर हर गांव के हर जिले में अलग-अलग शहर हैं और यहां बसे हर शहर की अपनी संस्कृति, विरासत और समृद्ध इतिहास है। भारत के हर शहर का अपना एक अलग इतिहास रहा है। जब हम हर शहर के बार में जानने की कोशिश करते तो हमे हर शहर का इपना एक अलग इतिहास पढ़ने का मिलता है। शहर और गांवों के नाम का भी अपना एक अलग ही कहानी है क्याेंकि शहर और गांवों के नाम उस शहर के किसी न किसी राजा या कोई महान व्यक्ति के नाम ही पड़ा है। लेकिन ज्यादातर शहर या गांव के नाम में पुर का जोड़ना अपने अाप में एक कहानी है।

भारत में आपने कई शहरों और गांवों के नाम में ‘पुर’ शब्द लिखा हुआ देखा होगा। उदाहरण के लिए जयपुर, उदयपुर, रायपुर, सहारनपुर, नागपुर, मुबारकपुर, सुल्तानपुर, गोरखपुर, जौनपुर, कानपुर और रामपुर आदि। ऐसे में क्या आपने कभी सोचा है कि इन जगहों के नाम में ‘पुर’ शब्द का इस्तेमाल क्यों किया गया है?

किसी शहर या गांव के नाम में ‘पुर’ कैसे जोड़ा जाता है?

हम आपको बताते हैं कि किसी शहर या गांव के नाम में ‘पुर’ कैसे जोड़ा जाता है? प्राचीन काल से ही शहरों के नाम में पुर जोड़ा जाता रहा है और इसका प्रयोग अंत में किया जाता है। प्राचीन काल में कई राजाओं और बादशाहों ने इसे अपने नाम में जोड़कर अपने शहरों का नाम रखा। उदाहरण के लिए, जयपुर शहर का निर्माण राजा जय सिंह ने करवाया था। इसलिए उन्होंने अपने नाम में ‘पुर’ जोड़कर इसका नाम जयपुर रख दिया। उसी तरह जमशेद जी के नाम से जमशेदपुर शहर का नाम पड़ा।

‘पुर’ शब्द का क्या अर्थ है?

अगर ‘पुर’ शब्द के अर्थ की बात करें तो ऋग्वेद में पुर शब्द का उल्लेख मिलता है। यह एक प्राचीन संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ है शहर या किला। प्राचीन काल में राजा-महाराजा अलग-अलग शहरों में अपने राज्य रखते थे। ऐसे में कुछ राजा-महाराजा अपने राज्यों के नाम रखने के लिए अपने नाम या किसी खास चीज के नाम के साथ ‘पुर’ शब्द का प्रयोग करने लगे। किसी खास चीज का नाम शब्द के शुरू में रखा जाता था और शब्द के अंत में पुर शब्द जोड़ा जाता था। इससे उस जगह का नाम हो जाता था।

कई दूसरे देशों में भी ‘पुर’ शब्द का इस्तेमाल होता है।

शहर और गांवों के नाम में पुर शब्द का इस्तेमाल केवल भारत ही नहीं बल्कि दूसरे देशों में भी किया जाता है। अफगानिस्तान और ईरान में होता है पुर का प्रयोग कुछ भाषा विशेषज्ञों का मानना ​​है कि पुर शब्द का प्रयोग अरबी में भी होता है। यही कारण है कि अफ़गानिस्तान और ईरान के कुछ शहरों के नाम के साथ पुर लिखा जाता है।

ये पोस्ट आपकी जानकारी बढ़ाने के लिए है अगर इस पोस्ट में कोई त्रुटि हो तो हमें जरूर बतायें ताकि हम अच्छी जानकारी आप तक पहुंचा पायें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Must Read

Bihar GK in Hindi : बिहार सामान्य ज्ञान MCQ

0
Bihar GK in Hindi : अगर आप BPSC, SSC, रेलवे, बैंक, CTET, TET या अन्य सरकारी नौकरी की परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, तो...