भारत रत्न तो बनता है… यही ट्रेंड आजकल भारतीय फिल्म अभिनेता सोनू सूद के लिए सोशल मीडिया में चल रहा है। और सच भी जो काम आजकल वो कर रहे हैं उन्हें हर तरफ तारीफ मिलनी ही चाहिए। जहां लॉकडाउन की वजह से सैकड़ों मजदूर अपने घरों से दूर कहीं न कहीं फंसे पड़े हैं। वहीं सोनू सूद एक हीरो की तरह उन्हें अपने गांव- घर पहुंचाने का काम कर रहे हैं। ऐसे तो ये फिल्मों में ज्यादातर गुंडे का किरदार निभाते हैं परन्तु असल जिंदगी में सभी के लिए एक सुपर हीरो बन रहे हैं। सोनू सूद हिंदी, तेलुगु, कन्नड़, तमिल, और पंजाबी फिल्मों में अभिनय कर अपना लौहा मनवा चूके हैं।, देशभर में जब लॉकडाउन हो गया तो सबसे ज्यादा मुसीबत उन लोगों के लिए हुई जो राज कमाते और खाते थे। दिहाड़ी पर काम करने वाले ये लोगों की जिंदगी में मानों लॉकडाउन भूख का सैलाब लेकर आ गया हो। सभी जगहों पर काम बंद हो जाने के करण खाने के भी पैसे नहीं थे ऐसे में सभी अपने गांव की ओर चलने को तैयार हुए। सब रेल, बस, हर तरह के वाहन बंद होने के कारण ये प्रवासी मजदूर अपने घर की तरफ पैदल ही चल पड़े। पैदल जाने वले इन प्रवासी मजदूरों की इस हालत के कारण सरकार की पूरे देश में अलोचना हो रही थी। बहुत से लोग बस सरकार को काेसने पर लगे थे। लेकिन बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद ने किसी की आलोचना नहीं की बस लोगों की मदद की वो भी बिना ढिंढोरा पीटे। सोनू सून रोज 45 हजार से ज्यादा गरीबों के लिए खाने का इंतजाम करते हैं और प्रवासी मजदूरों के लिए उन्होंने बसें चलवायी और उन्हें उनके घर भेजा। इसके बाद सोनू सूद लगातार लोगों की मदद कर रहे हैं।
अभिनेता सोनू सूद ने एयर एशिया इंडिया के एक विमान से मुंबई से 173 प्रवासी श्रमिकों को उनके घर उत्तराखंड भेजा। एयरएशिया इंडिया के प्रवक्ता ने बताया कि एयरबस ए320 मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से दोपहर करीब एक बजकर 57 मिनट पर 173 प्रवासी श्रमिकों को लेकर रवाना हुई। प्रवक्ता ने बताया कि विमान शाम चार बजकर 41 मिनट पर देहरादून के जौली ग्रांट हवाई अड्डे पर उतरा। सूद ने कहा कि आज एक और चार्टर्ड विमान के उड़ान भरने के साथ ही देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे प्रवासी श्रमिकों की मदद करने की हमारी कोशिश और मजबूत हुई है।
उन्होंने कहा, ‘‘ज्यादातर को कभी विमान से यात्रा करने का मौका नहीं मिला था, और अपने घर-परिवार तक पहुंचने के लिए जब वे एयर एशिया इंडिया के विमान में प्रवेश कर रहे थे तो उनके चेहरे की खुशी देखने लायक थी।’’ इससे पहले सूद ने केरल में फंसे 167 प्रवासी श्रमिकों को चार्टर्ड विमान से ओडिशा भेजा था।